भग्वा ध्वज के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण बाते
1. भग्वा का संक्षिप्त रुप है "भगवा" है यह प्राचीन काल से ही चला आ रहा है जैसे- रामायण, महाभारत |
2. भग्वा त्याग और रोध का प्रतिक है| जब सूर्य निकलता है तो वह भी भगवा रंग का होता है |
3. भग्वा ध्वज अपने राष्ट्र का पुरंतानक है | त्रिवेद के अरुण संघ केतवः का वर्णन है कि - ध्वज को देखते ही वह के समाज के संघठित शक्ति का अनुभव होता है, तथा विजिगिसु भावना जागृत होती है |
4. भगवा ध्वज राष्ट्र का गौरव तथा यश है, भगवा धवज प्राक्रम, त्याग, बलिदान अदि का स्मरण करता है तथा राष्ट्र और समाज के तदधीन इतिहास कि कहानी कहता है
5. हजारो वर्षो से हमारे पूर्वज श्रध्दा से इफ ध्वज को अपनाया और इसका पूजन किया है |
6. इस भग्वा ध्वज को भुलाना इतिहास को भुलाना है अर्थात आत्मविस्मृति का महा पाप करना है | ध्वज कि ज्वाला के अनुरूप होने के कारण त्याग समर्पण जन कल्याण कि भावना ताप साधना आदि का आदर्श रखने वाला है |
7. इसी भगवा ध्वज को संघ मे अपना ध्वज मन कर इसको गुरु का स्थान दिया गया है |
8. अगर एक तरफ भग्वा ध्वज और दअखंड भारत का चित्र देखे तोह दोनों एकसमान दिखेंगे और यह भाजवा ध्वज भारत माता के हटो मे सुशोभित है |
9. भग्वा ध्वज का शुभारम्भ अनंत युग से है |
10.भग्वा ध्वज भारत का सबसे पुरातन ध्वज है |
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